देहरादून-:केंद्रीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशो अनुसार आज शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के तत्वाधान में जिला मुख्यालय देहरादून, बाह्य न्यायालय ऋषिकेश, एवं विकासनगर जनपद देहरादून के न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया,जिसमे जनसाधारण से जुड़े सिविल व अन्य मुद्दों पर सुनवाई की गई।
आज सोमवार को आयोजित लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम, सिविल मामले, पारिवारिक मामलें, चैक बाउन्स से सम्बंधित मामलें व अन्य शमनीय प्रकृति के आपराधिक मामलों पर सुनवाई हुई। उक्त सभी मामलों की सुनवाई हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा कुल 10 पीठों का गठन किया गया था। लोक अदालत में शमनीय प्रकृति के 71 मामलें, चैक सम्बंधी 267 मामलें, धन वसूली का 01 मामला, मोटर दुर्घटना क्लेम ट्राईबुनल के 17 मामलें, पारिवारिक विवाद सम्बंधी 71 मामलें, मोटर वाहन संबंधी अपराधों के 1398 मामलें एवं अन्य सिविल प्रकृति के 57 मामलें, श्रम विवाद के 2 मामले कुल 1884 मुकदमों का निस्तारण किया गया व साथ ही 8 करोड़ 82लाख 18 हज़ार 172 रुपये की धनराशि पर समझौता हुआ।
देहरादून में आयोजित लोक अदालत में द्वितीय अपर जिला एवं सेशन जज, देहरादून महेश चंद्र कौशिवा की पीठ द्वारा 50 मामलें, चतुर्थ अपर सिविल जज (वरिष्ठ प्रभाग) देहरादून अमित कुमार की पीठ द्वारा 27 मामलें, द्वितीय अपर सिविल जज (कनिष्ठ प्रभाग), देहरादून विवेक शर्मा की पीठ द्वारा 79 मामलें, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, देहरादून लक्षमण सिंह की पीठ द्वारा 612 मामलें, द्वितीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्टेट, देहरादून संदीप सिंह भण्डारी की पीठ द्वारा 284 मामलें, पंचम अपर सिविल जज (वरिष्ठ प्रभाग) देहरादून ममता पंत की पीठ द्वारा 252 मामलें, अष्टम अपर सिविल जज (वरिष्ठ प्रभाग), देहरादून सुमन की पीठ द्वारा 217 मामलें, प्रधान कुटुम्ब न्यायाधीश, देहरादून आर0के0खुल्बे की पीठ द्वारा 59 मामलें निस्तारित किये गये।
वहीं बाह्य न्यायालय ऋषिकेश में न्यायिक मजिस्ट्रेट, ऋषिकेश नंदिता काला की पीठ द्वारा 108 मामलें, न्यायिक मजिस्ट्रेट, विकासनगर विवेक कुमार की पीठ द्वारा 198 मामलें निस्तारित किये गये। इस लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर के 3383 मामलों का निस्तारण हुआ तथा 1 करोड़ 38 लाख 35 हज़ार 463 रुपये की धनराशि के सम्बंध में आपसी समझौते किये गये।
सचिव/सिविल जज (वरिष्ठ प्रभाग), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा अवगत कराया कि लोक अदालतें सरल व त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है, जिसमे दोनो पक्षकार आपसी समझौते के आधार पर मामले का निस्तारण कराते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में दिए गए निर्णय अंतिम होते हैं तथा पक्षकारों को उनके द्वारा दिया गया न्यायशुल्क भी वापस कर दिया जाता है।