देहरादून-: लगभग ढाई साल के इंतजार के बाद आज 27 जनवरी को उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो गया है,जिसके साथ ही यूसीसी के चलते उत्तराखंड के सभी वासी एक समान कानून के अंतर्गत आ गए है। किन्तु इसके लागू होने के साथ ही आज सोमवार को राजधानी के मुस्लिम सेवा संगठन द्वारा जिलाधिकारी सविन बंसल के कार्यालय के बाहर यूसीसी के खिलाफ प्रदर्शन कर राज्यपाल को इसे खारिज करने की मांग की। मुस्लिम सेवा संगठन द्वारा यूसीसी में धार्मिक मान्यताओं का उल्लंघन करने, प्रदेश की जनजातियों को इस कानून से बाहर रखते हुए इसे सबके लिए समान न रखने व लिव इन रिलेशनशिप को मान्यता देते हुए सामाजिक मान्यताओं के खिलाफ होने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से इसे खारिज करने की मांग की।
आज सोमवार को एक तरफ जहां उत्तराखंड के सभी नागरिकों को एक समान कानून के दायरे में लाने के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सपने 'समान नागरिक संहिता(यूसीसी)' को लागू किया गया तो वहीं आज राजधानी के मुस्लिम सेवा संगठन के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर यूसीसी को खारिज करवाने को राज्यपाल उत्तराखंड से मांग करते हुए प्रदर्शन किया। मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा कि यूसीसी से धार्मिक मान्यताएं खंडित होंगी, ऐसे में यूसीसी के गठन को सरकार द्वारा गठित समिति में किसी धार्मिक गुरुओं को सम्मिलित किया जाना था, किन्तु सरकार ने समिति में कोई भी धार्मिक गुरु को सम्मिलित नही किया गया। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाए कि यूसीसी के तहत कमिटी द्वारा राज्यभर से आम जनता से सुझाव मांगे गए थे,जिसके प्रतिउत्तर में राज्यभर से 1 लाख से अधिक लोगों ने अपने सुझाव दिए थे,किन्तु वह सुझाव क्या थे समिति द्वारा उन्हें सार्वजनिक नही किया गया,जिससे स्पष्ट है कि समिति द्वारा उन सुझावों पर अमल नही किया गया।
मुस्लिम सेवा संगठन द्वारा यूसीसी में भारू, भोटिया, जौनसारी, बोक्सा जनजातियों को अलग रखने के चलते इसे सबके लिए समान न होने का भी आरोप लगाया है। वहीं संगठन द्वारा यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को वैधानिक किये जाने का भारी विरोध करते हुए इसे समाज मे अश्लीलता फैलाने व सामाजिक परिवेश को खराब करने वाला बताया। लिव इन रिलेशनशिप को किसी भी धर्म मे मान्यता नही है।
संगठन द्वारा इस दौरान अपने विरोध प्रदर्शन में यूसीसी को संविधान की धारा 25, 26 व 27 के खिलाफ बताते हुए राज्यपाल उत्तराखंड से इसे तुरंत खारिज करने की मांग की।